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विजय दिवस पर कविता 2019 | Vijay Diwas Poem in Hindi

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विजय दिवस पर कविता 2019 | Vijay Diwas Poem in Hindi: भारत के लिए 16 दिसंबर का दिन एक ऐतिहासिक पल है। इस दिन ही भारत ने पाकिस्तान से जीत हासिल कर पूर्वी पाकिस्तान के लोगों को पाकिस्तान के शोषण से बचाया था। पूर्वी पाकिस्तान जो आज का बांग्लादेश है इसके निर्माण का श्रेय भारतीय सैनिकों को जाता है। जिनकी बदौलत ही बंगाल भाषी लोगों को पाकिस्तान की सरकार और उनकी फौज के अत्याचारों से छुटकारा मिला था। भारत में यह दिन विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। विजय दिवस के इस खास मौके पर हम भारतीय सैनिकों की याद में कुछ बेहद ही अच्छी कविता लेकर आए है जिन्हे आप विजय दिवस 2019 पर अपने दोस्तों और परिजनों के साथ शेयर कर सकते है।

विजय दिवस पर कविता 2019 | Vijay Diwas Poem in Hindi
विजय दिवस पर कविता 2019 | Vijay Diwas Poem in Hindi

विजय दिवस पर कविता 2019

पूर्वी पाकिस्तान के लोगों को पाकिस्तान के अत्याचार से बचाने के लिए लड़े गए साल 1971 के इस युद्ध को ऑपरेशन विजय नाम दिया गया था जो करीब दो महीने तक चला और पाकिस्तान की फौज ने भारतीय सेना के सामने घुटने टेक दिए। 1971, 16 दिसंबर ही वह दिन था जब पाकिस्तान की सेना ने हार मानी थी। इस दिन दुनिया के नक्शे पर एक नए राष्ट्र बांग्लादेश का उदय हुआ।

हरी भरी धरती हो
नीला आसमान रहे
फहराता तिरँगा,
चाँद तारों के समान रहे।
त्याग शूर वीरता
महानता का मंत्र है
मेरा यह देश
एक अभिनव गणतंत्र है
शांति अमन चैन रहे,

Poems on Vijay Diwas

खुशहाली छाये
बच्चों को बूढों को
सबको हर्षाये
हम सबके चेहरो पर
फैली मुस्कान रहे
फहराता तिरँगा चाँद
तारों के समान रहे।

विजय दिवस 2019: Vijay Diwas Messages, SMS, Shayari, Quotes, Images

Vijay Diwas Poem in Hindi

पाकिस्तान के साथ लड़े गए इस युद्ध में भारतीय सेना के जवानों ने अपने पराक्रम का परिचय दिया और दुनिया ने इंडियन आर्मी की ताकत को बखूबी देखा। इस युद्ध में भारतीय सेना अपने कई बेशकीमती जवानों को खो दिया। विजय दिवस के मौके पर हर साल उन्हें याद किया जाता है और श्रद्धांजलि दी जाती है। विजय विजय दिवस पर आप भी देश के जवानों को याद करे और उनके कार्य को सलाम करें।

आज तिरंगा फहराता है अपनी पूरी शान से।
हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।।
आज़ादी के लिए हमारी लंबी चली लड़ाई थी।
लाखों लोगों ने प्राणों से कीमत बड़ी चुकाई थी।।
व्यापारी बनकर आए और छल से हम पर राज किया।
हमको आपस में लड़वाने की नीति अपनाई थी।।
हमने अपना गौरव पाया, अपने स्वाभिमान से।
हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।।
गांधी, तिलक, सुभाष, जवाहर का प्यारा यह देश है।
जियो और जीने दो का सबको देता संदेश है।।
प्रहरी बनकर खड़ा हिमालय जिसके उत्तर द्वार पर।
हिंद महासागर दक्षिण में इसके लिए विशेष है।।
लगी गूँजने दसों दिशाएँ वीरों के यशगान से।
हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।।
हमें हमारी मातृभूमि से इतना मिला दुलार है।
उसके आँचल की छैयाँ से छोटा ये संसार है।।
हम न कभी हिंसा के आगे अपना शीश झुकाएँगे।
सच पूछो तो पूरा विश्व हमारा ही परिवार है।।
विश्वशांति की चली हवाएँ अपने हिंदुस्तान से।
हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।।

Vijay Diwas Kavita

हमारे देश की राजधानी में, हम एक ज्वाला देखते हैं,
इंडिया गेट पर जहाँ यह जलता है,
राइफल के फ्रेम पर सेना की टोपी के साथ,
और हर कोई सोचता है कि वह कमाता है,
यदि वह विशेषाधिकार में अपना सिर झुकाता है,
उनकी शहादत पर सैनिकों को सलाम करने के लिए,
कुछ शहरों से और अधिकांश गांवों से,
गुंबद की दीवार पर नाम खुदे हुए हैं,
पंद्रह इंच लंबा, पंद्रह इंच चौड़ा
यह पवित्रतम प्रकाश जगह लेता है,
और श्रीमती इन्द्रा गांधी ने इस गाइड की स्थापना की,
उन नायक की कृपा के लिए,
तो क्या ! यदि उन्हें दफनाया या जलाया नहीं गया था,
लेकिन उनकी राजसी वीरता को सीखा जा सकता है ..!

विजय दिवस पर भाषण 2019 | Vijay Diwas Speech in Hindi

आज हम विजय दिवस पर कविता की कलेक्शन लेकर आए है। उम्मीद करते है की विजय दिवस की कविताएं आपको पसंद आएगी। इन कविताओं को आप अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया के जरिए शेयर करें और उन्हें इस दिन की बधाई दें।


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