Vijayadashami 2019: जानिए! दशहरा कब है? रावण दहन का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, पूजन सामग्री: नवरात्रि के नौ दिनों के बाद दसवें दिन देशभर में बड़ी धूम-धाम से विजयादशमी का त्यौहार मनाया है| विजयदशमी को दशहरा के नाम से भी जाना जाता है| हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवन राम ने रावण का वध कर बुराई अच्छाई की जीत दर्ज की थी| हर साल विजयदशमी के दिन दस सिर वाले रावण का वध कर दशहरा का त्यौहार मनाया जाता है| इस बार दशहरा का त्यौहार 8 अक्टूबर को मनाया जाएगा| यहाँ जानिए! रावण दहन का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, सामग्री, आदि के बारे में|
दशहरा कब है?
दशहरा के दिन रावण और उसके दो भाइयों का पुतले फूंके जाते है| इस दौरान लोग हर्षोउल्लास से एक दूसरे को बधाई देते है| हर साल रावण का पुतला फूंकने के साथ ही दुनियाभर में यह संदेश दिया जाता है की बुराई कितनी भी क्यों ना ताकतवर हो अंत में जीत अच्छाई की होती है| दशहरा के दिन हिन्दू धर्म के लोग अपने घरों में और दफ्तर में पूजा एक विशेष पूजा अर्चना करते है| रावण दहन का शुभ मुहूर्त इस साल यह है|
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Dussehra 2019 Date & Shubh Muhurat
रावण दहन का शुभ मुहूर्त : 8 अक्टूबर 2019 को दोपहर 02:05:40 से 02:52:29 तक
दशहरा विजय मुहूर्त : दोपहर 02:04 मिनट से 02:50 मिनट तक (8 अक्टूबर 2019 )
दशहरा अपराह्रन पूजा समय : दोपहर 01:17 मिनट से 03:36 मिनट तक है (8 अक्टूबर 2019 )
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दशहरा की तारीख?
दशहरा का त्यौहार शरद नवरात्र के दसवें दिन ओट दीपावली से 20 दिन पहले मनाया जाता है| हिन्दू कैलेंडर के अनुसार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी को विजयदशमी या दशहरे का त्योहार मनाया जाता है. इस बार दशहरा 8 अक्टूबर को है|
रावण दहन का शुभ मुहूर्त (समय)– शुक्रवार को दोपहर 2.57 बजे से शाम 4.17 बजे
दशहरा क्यों मनाते है? | Why Dussehra or Vijayadashami Celebrate?
दशहरा को विजयदशमीं (Vijayadashami) के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इसी दिन मां दुर्गा (Maa Durga) ने राक्षक महिषासुर का वध किया था. इसके अलावा इसी दिन राम की रावण पर भी जीत हुई थी. माना जाता है कि देवी दूर्गा ने नौ दिनों तक महिषासुर से लड़ाई की थी. दसवें दिन, जिसे दशमी (Dashmi) भी कहते हैं उन्हें विजय हासिल हुई थी.
दशहरा का क्या महत्व है?
यह त्यौहार भगवान श्री राम की कहानी तो कहता ही है जिन्होंने लंका में 9 दिनों तक लगातार चले युद्ध के पश्चात अंहकारी रावण को मार गिराया और माता सीता को उसकी कैद से मुक्त करवाया. वहीं इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार भी किया था इसलिए भी इसे विजयदशमी के रुप में मनाया जाता है और मां दूर्गा की पूजा भी की जाती है. माना जाता है कि भगवान श्री राम ने भी मां दूर्गा की पूजा कर शक्ति का आह्वान किया था, भगवान श्री राम की परीक्षा लेते हुए पूजा के लिए रखे गये कमल के फूलों में से एक फूल को गायब कर दिया. चूंकि श्री राम को राजीवनयन यानि कमल से नेत्रों वाला कहा जाता था इसलिये उन्होंनें अपना एक नेत्र मां को अर्पण करने का निर्णय लिया ज्यों ही वे अपना नेत्र निकालने लगे देवी प्रसन्न होकर उनके समक्ष प्रकट हुई और विजयी होने का वरदान दिया. माना जाता है इसके पश्चात दशमी के दिन प्रभु श्री राम ने रावण का वध किया. भगवान राम की रावण पर और माता दुर्गा की महिषासुर पर जीत के इस त्यौहार को बुराई पर अच्छाई और अधर्म पर धर्म की विजय के रुप में देशभर में मनाया जाता है.