जुम्मा मुबारक दुआ 2019 Wishes कोट्स Sms शायरी Whatsapp Status Dp Images :- रमजान के पाक महीने में जुम्मे या जुम्मा नमाज का एक विशेष महत्व है। रमजान के आखरी शुक्रवार को पढ़ी जाने वाली जुम्मे की नमाज का एक खास महत्व माना जाता है। पूरे साल में आने वाले शुक्रवार को पढ़ी जाने वाली नमाज को जुम्मे की नमाज में रूप में जाना जाता है लेकिन रमजान में आखरी शुक्रवार जुम्मा की नमाज के नाम से भी जाना जाता है नमाज पढ़ने का एक अलग ही महत्व है। चाँद रात मुबारक रमजान के आखरी शुक्रवार कप मस्जिद में काफी ज्यादा संख्या में लोग नमाज पढ़ने के लिए आते है और अपने साथियों के गले लगकर जुम्मा की मुबारकबाद देते है। जुम्मा मुबारक मैसेज, शायरी, स्टेटस, कोट्स, इमेज की प्यारी सी कलेक्शन नीचे पसिह कर रहे है आप अपने मुस्लिम भाइयों को इस दिन की मुबारकबाद भी इनकी मदद से दे सकते है। ईद उल फितर
जुम्मा मुबारक व्हाट्सप्प स्टेटस
चार चीजों को खूब संभाल के रखो
नमाज़ में दिल को
तन्हाई में सोच को
महफ़िल में जुबां को
रास्ते में निघा को
या अल्लह आज जुमा की नमाज़ के बाद जितने भी
हाथ तेरी बारगाह में दुआ के लिये उठे है
सब की दुवा कुबूल फरमा
जुम्मा मुबारक दुआ
Ya Allah,Hamein Ata Kar De Wo Mafi,Jiss Ky Baad Kbhi Gunha Na Ho Hum Sy,Aisi Hidayaat Ata Farma,
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Phir Naya Din Pyari Subha Bahut Si UmeedeinAY ALLAHKhaair Ki Khabrin Aur Mohabbtun Ky Ujaly Rkhna”
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अस्सलाम वालेकुम
हर किसी के लिए दुआ किया करो
किया पता किसी की किस्मत
तुम्हारी दुआ का इंतज़ार कर रही हो
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आज तो मेरी हक में कर देना दुआ
सुना है यह बोहुत क़बूल्यात का होता है
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काश उन को भी याद आऊं में जुम्मा की दुआओं में
जो अक्सर मुझसे कहते है दुआओं में याद रखना
रमजान के महीने के आखरी में पड़ने वाले शुक्रवार का मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए एक खास महत्व है। रमजान के महीने में रोजे रखने वाले रोजेदार इस दिन के लिए विशेष तैयारियां करते है। इस दिन मस्जिद को काफी अच्छे से सजाया जाता है। हर साल रमजान में महीने में इस दिन का इंतजार हर मुस्लिम भाई को बड़े ही उत्साह के साथ रहता है। ऐसी मान्यता है कि रमजान के आखिरी जुमे की नमाज को अदा करने से दुआएं कबूल होती हैं, खुदा रोजेदारों पर रहमतों की बारिश करता है, लोगों में प्यार और भाईचारा बढ़ता है। Jamat-UL-Vida 2019
जुम्मा मुबारक शायरी उर्दू में
یسر بارس ارے تم پر رحم الرحمن کی بارش کھ خددا کی رہمھم اوہ کارمام سھ ارشاد تمی کوئی بھی راجہ ن ہو امین جمما مبارک .. !!!
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دھن مین ساکن کی تالشا ہا اے اللہ تیر بانڈا بہا اڈاس ہائ دھون راہ ہان اندر راحت دھن مین جی بی صاحب ساری مسیل کا ہال نماض ہا … !!!
जमात उल विदा को उर्दू में अलविदा जुम्मा अर्थ होता है। इसके बाद ही ईद-उल-फितर यानी मीठी ईद मनाई जाती है। इस बार मीठी ईद 5 या 6 मई को मनाई जाएगी।
जुम्मा मुबारक शायरी 2019
apne naseeb ko bura mat kahoKuke ye naseeb he to heKe ham Mohammad (SAW) ki ummat hen”
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“Jiska dil khuda ke khof se khali hoOska ghar kabhi rehmat se nahi bhar sakta”
“jo naseeb me he wo chal kar bhe ayegaJo naseeb me nahi wo akar bhe chala jaega
Aise Barse Aaj Tum Pr Rehm O Karam Ki Barsaat Keh Khuda Ky Reham oh Karaam Sy Aaj Tumhri Koi Bhi Dua Raad Na Ho Aameen Jumma Mubarak..!!!
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Dunya Main Sakun Ki Talsha Hy Ya Allah Tera Banda Bahot Uddas Hy Dhoond Raha Ha Insan Rahat Duniya Main Jb Keh Sary Masle Ka Haal NAMAZ Hai…!!!
जमात उल विदा के दिन सभी रोजेदार नमाज अदा करने मस्जिद जाते हैं। इस नमाज में रोजेदार अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं और दुआएँ मांगते हैं। ईद मुबारक
केवल रमजान में महीने में नहीं बल्कि इस्लाम धर्म में हर जुम्मे यानि की शुक्रवार की नमाज का एक विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है की जुम्मे के दिन ही अल्लाह इंसान को बनाया था। यही वजह है की जुम्मे के दिन अल्लाह की इबादत करके उनका शुक्रिया अदा किया जाता है और इस दिन दान भी किया जाता है।